How to Start watch Assembling business | घड़ी असेम्बलिंग बिज़नेस

How to Start watch Assembling business | घड़ी असेम्बलिंग बिज़नेस

घड़ियों का बिजनेस कई तरह से कर सकते है. जिसमें रेडिमेड घड़िया या फिर लग्जरी घड़ियों के काॅपी किए गए घड़ियों को सेल कर सकते हैं. इसके अलावा घड़ियों की एसेबलिंग करके भी काफी लाभ कमा सकते हैं. घड़ियों की एसेबलिंग का बिजनेस काफी फायदेमद बिजनेस है. इस बिजनेस को कम पैसों में घर से शुरू किया जा सकता है.

देश में मध्यम वर्ग के आय में बढ़ौत्तरी होने की वजह से एक बार फिर घड़ियों के मार्केट में बूम आया है. मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, 2020 तक घड़ियों का मार्केट 5 हजार करोड़ से बढ़कर 15 हजार करोड़ पहुंच जाएंगा.

एसोमेच की एक रिपोट के अनुसार घरेलू स्तर पर घड़ी के कारोबार में 15 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ौत्तरी हो रही है. अगले पांच सालों में दुगुनी होने की संभावना है. रिर्पोट के मुताबिक घड़ियों की खरीददारी में पुरूषों की तुलना में महिलाएं काफी आगे है. रिपोर्ट के अनुसार देश के संगठित क्षेत्र में अकेले घड़ी कारोबार की 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और इसके अलावा गैर संगठित क्षेत्र की भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी है.

सर्वाधिक मांग में 100 रूपयों से लेकर 500 रूपयों, दूसरे नंबर पर 500 से 5000 रूपये की घड़ियों की है. तीसरे वर्ग में 5000 से अधिक की घडियो़ों की डिमांड हैं. घड़ियों में मैकेनिकल, आॅटोमेटिक तथा क्र्वाट्स तीन प्रकार की घड़ियों की डिमांड है इनमें से क्वार्ट्स की घड़ियों की सबसे अधिक डिमांड है. यह सस्ती होने के साथ दिखने में भी काफी आकर्षक होती है. इन्हें तैयार करना भी आसान है.

 

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दीवार घड़ी हो या हाथ घड़ी इन्हें एसेबलिंग करना बड़ा आसान है. हर घड़ी में कई तरह के पार्टस होते हैं. उन्हें जोड़ना होता है. इसी को एसेबलिंग कहा जाता है. घड़ियों के पाट्र्स को जोड़ने के लिए किसी टेªनिंग या मेकेनिकल डिगी होने की आवश्यकता नहीं होती. हर घड़ी में 5-6 पाट्र्स होते है. दीवार घड़ी में सुईया, डायल, डायल केस, मशीन, सेल तथा हाथ घड़ी में बेल्ट, सुईया, मशीन, सेल और ढक्कन. सभी को जोड़ दिया जाए तो घड़ी तैयार हो जाती है.

घड़ियों के सारे पुर्जे होलसेल मार्केट में मिलते है. इन्हें थोक के भाव में खरीद कर लाएं. घड़ी के पुर्जे 6 रूपए से लेकर 30 रूपए प्रति दर्जन के हिसाब से मिलते हैं. इस हिसाब से एक घड़ी 20 से 50 रूपए में तैयार हो जाती है. घड़ी हर छोटे बड़े शहरों में हर जगह बिकती है. गांव व कस्बों के हाट बाजारों व मेलों में भी घड़ी खुब बिकती है. ऐसे जगहों पर भी घड़ियों को बेचने के लिए रिटेल को बेच सकते है.

तैयार घड़ियों को अपने शहर के रिटेल मार्केट में 10 रूपए से 50 रूपए की मार्जिन पर बेच सकते है. इस तरह से दिनभर में 100 घड़ियां बेचते है तो हजार से पांच हजार रूपए आसानी से कमा सकते है. शहर में लगने वाले मेले, एग्जीविशन, इंडस्ट्रीयल एरिया, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मेन मार्केट आदि स्थानों पर स्टाॅल लगाकर भी सेल कर सकते है. खुद भी शाॅप खोल कर इसे सेल कर सकते है. तब आपको एक घड़ी पर 50 रूपए से 150 – 200 रूपए तक का लाभ मिल सकता है.

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माल कहां से लाएं

घड़ियों के कलपुर्जे का सबसे बड़ा मार्केट है पुरानी दिल्ली. पुरानी दिल्ली के लालकिला के सामने इलेक्टिकलस मार्केट, लाजपत राय मार्केट व भगीरथ पैलेस इस मार्केट में आपको घड़ियों के पार्ट्स के ढ़ेर सारी दुकान मिल जाएंगी. आप यहां से माल खरीद सकते हैं. इन्हें अपने शहर में एसेबंलिंग कर सेल कर सकते हैं. होलसेल पार्ट्स के दुकानदार भी एसेबलिंग किए गए घड़िसों को खरीद लेते है. यदि आप दिल्ली के आसपास रहते है तो डायरेक्ट उन्हें सप्लाई दे सकते हैं.

घड़ियों को एसेबलिंग करके यदि आप खुद ही बेचे तो इसका अधिक लाभ मिलता है. क्योंकि घड़ियों की कोई फिक्स रेट नहीं है. घड़ियों की कीमत उसके डायल, बेल्ट, बाहरी केस पर डिपेंड करती है. घड़ी जितनी आकर्षक होगी है उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक आंकी जाती है.

तैयार घड़ियों को रिटेल में या थोक में बेच सकते हैं. घड़ियों की एसेबलिंग करके रिटेल या होल सेल के भाव में ई काॅर्मस वेबसाइट पर रिजस्टर्ड करके भी बेच सकते है. चाहे तो अपनी कंपनी रजिस्टर्ड करके ब्रांड भी बना सकते है.

 

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