रजनीगंधा के फूल मनमोहक हल्की खुशबु वाला फूल है. यह एक ऐसा फूल है जो अन्य फूलों की तुलना में कई दिनों तक ताजा रहता है. अधिक समय तक ताजा रहने के कारण इसका उपयोग सजावट, गुलदस्ते और सिंगार के काम में लाया जाता है. रजनीगंधा के फूलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने और ले जाने में खराब होने का भय भी ना के बराबर होता है.
रजनीगंधा के फूलों की विशेषता के कारण इसकी डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. आजकल दुल्हन के सिंगार से लेकर स्टेज की सजावट, घर की सजावट भी रजनीगंधा के फूलों से की जा रही है.
रजनीगंधा के फूल का उपयोग सजावट के साथ सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है.
रजनीगंधा के फूल बाजार में अच्छे दामों में बिकते है वही इसके तेल की भी काफी डिमांड है.
रजनीगंधा की खेती करके इसके स्पाईक और फूल खूले बाजार में बेच सकते है.
आप चाहे तो काॅन्टेक्ट फार्मिग के तहत किसी सौंदर्य प्रसाधन या तेल बनाने वाली कंपनी से काॅन्टेक्ट करके उन्हें फूल बेच सकते हैं.
रजनीगंधा के फूलों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए ग्रामीण किसान रजनीगंधा के फूलों की खेती करके अच्छी इनकम कर सकते है.
रजनीगंधा के फूल पौधों की रोपाई के लगभग तीसरे माह से आने शुरू हो जाते है. इस तरह आप तीसरे माह से कटफ्लावर प्राप्त करने के लिए स्पाईक को पौधे से काट सकते हैं.
गुलदस्तें आदि के लिए रजनीगंधा के स्पाईक का इस्तेमाल किया जाता है. स्पाईक में जब दो या तीन फूल खिल जाते है तब इसे पौधे से काट लिया जाता है. औसतन प्रति दिन 2-6 फ्लोरेट स्पाईक तोडा जा सकता है इस प्रकार 50 किलो फ्लोरेट प्रति हेक्टर काटा जा सकता है.
रजनीगंधा के लूज फूलों को प्राप्त करने के लिए उन्हें स्पाईक से तभी तोड़े जब फूल पूरी तरह से खिले हो.
रजनीगंधा के पौधों की एक बार रोपाई करने के बाद यह लगातार कई वर्ष तक फूल प्राप्त कर सकते है.
यदि आप रजनीगंधा के फूल साल भर प्राप्त करना चाहते है तो कंदों का रोपण 15 दिन के अन्तराल पर करें. इसतरह से रोपण करने से आपको साल भर इनकम कर सकते हैं.
प्रथम वर्ष में फूलों की पैदावार 150 क्विटंल से लेकर 200 क्विंटल प्रति हेक्टर के आसपास होती है
जबकि दूसरे वर्ष में 200 क्विटंल से 250 क्विंटल तक होती है। इसके बाद पैदावार घट जाती है.
रजनी गंधा की फसल से होने वाले आमदनी की बात करें तो इससे 3 लाख रूपए से 3 लाख रूपए स्पाईक प्रति हेक्टर होती है.
स्पाईक के अलावा 15 टन से 20 टन लूज फूल और 15 टन से 20 टन प्रति हेक्टर बल्ब तथा लेट्स अतिरिक्त आमदनी देते है.
गांव में रहकर रजनीगंधा की खेती करके आप सालभर अच्छी इनकम कर सकते हैं.