2000 में शुरू करें शहद का बिजनेस
हनी है तो मनी है यानी मधुमक्खी पालन कर शहद का बिजनेस काफी फायदे वाला बिजनेस है. देश में शहद की मांग तेजी से बढ़ रही है. लोग अब ब्रेड में जेम की बजाय शहद तथा दूध में चीनी की बजाय शहद का प्रयोग कर रहे है. भारत दुनिया में शहद के उत्पादन में काफी पिछड़ा हुआ है. भारत मात्र 10 हजार टन शहद का निर्यात करता है.
मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा मोम भी प्राप्त होता है, जिसका उपयोग मोमबत्ती, जूता पालिश, सौंदर्य प्रसाधन तथा दवाओं के निमार्ण में काम आता है. इसके अलावा राॅयल जैली तथा प्रोपालीश नामक एक प्रकार का प्रोटिन भी प्राप्त होता है, जो मंहगें दाम में बिकता है.
लागत
मधुमक्खी पालन से जुड़े कारोबार मात्र 2000 हजार रूपये में शुरूआत कर सकते हैं. इसके लिए आपको बाॅक्स की जरूरत होगी. इसी बाक्स में मधुमक्खियों की कालोनी बसायी जाती है. यह बाक्स कुछ इस तरह से बने होते हैं कि आसानी से शहद इकठ्ठा किया जा सके. 5 से 10 युनिट लगा कर इस बिजनेस की शुरूआत कर सकते हैं. 1 युनिट में सालभर में लगभग 50 किलो शहद प्राप्त होता हैं. यदि आप इसेे उद्योग के रूप में लगाना चाहते हैं तो 1000 युनिट की आवश्यकता होगी. इसमें 2 से 3 लाख रूपयों का इंवेस्टमेंट करना होगा.
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कहां से ले प्रशिक्षण
कृषि विश्वविद्यालय तथा इससे संबंधित संस्थाओं द्वारा मधुमक्खी पालन का कोर्स व ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाएं जाते है. यह कोर्स दो महिने से लेकर एक साल तक के होते है. इसके लिए अधिक पढ़ा लिखा होने की जरूरत नहीं है. यदि आप आठवीं पास है तब भी इस कोर्स को कर बिजनेस शुरू कर सकते हैं. इस कोर्स के अलावा सरकार द्वारा समय-समय पर ब्लाॅक स्तर पर गांवों में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएं जाते हैं, जिसकी सूचना बीडीओ के पास होती है.
इस कोर्स में मधुमक्खी पालने के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. मधुमक्खियों के रखरखाव, प्राकृतिक रूप से बनाएं गए शहद को इकठ्ठा करना, उसको संगृहीत करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाती है.
सरकारी सहायता
इस इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएं जा रहे है. साथ ही वित्तिय सहायता भी दी जा रही है. वित्तिय सहायता के लिए कृषि भवन, नई दिल्ली, राष्ट्रीय बी बोर्ड पीएचडी भवन, हौजखास, नई दिल्ली, राष्ट्रीय बागवानी परिषद, गुड़गांव, हरियाणा तथा राज्य स्तरीय कृषि विभाग से सम्पर्क करते हैं.
इससे संबंधित लिंक नीचे दिए गए है:-
मधुमक्खी प्रशिक्षण केन्द्र
मधुमक्खीपालन से संबंधित जानकारी व इस में करियर बनाने के लिए निम्न प्रशिक्षण संस्थानों से संपर्क किया जा सकता है
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा रोड, नई दिल्ली 110012, फैक्स 011-576642, 5751719.
- मधुमक्खीपालन केंद्र, खादी ग्राम उद्योग, राजघाट, नई दिल्ली.
- नेशनल बी बोर्ड, 3बी इंस्टीट्यूशनल एरिया, अगस्त क्रांति मार्ग, हौज खास, नई दिल्ली.
- निदेशक उद्यान विभाग कृषि, पंत भवन, जयपुर, राजस्थान.
- ल्यूपिन हायूपिन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन, कृष्णानगर, भरतपुर, राजस्थान.
- केंद्रीय मधुमक्खीपालन अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र.
- राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड, लाल कोठी, जयपुर, राजस्थान.
मधुमक्खी पालन कर शहद प्राप्त किया जाता है साथ ही मधुमक्खियों द्वारा तैयार मोम भी मार्केट में बेच कर अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. शहद के विपणन के लिए मधुमक्खी पालक को शुरू में खरीददारों से सम्पर्क करना पड़ता है. कुछ समय बाद खरीददार खुद ही मधुमक्खीपालक के पास शहद और मोम खरीदने के लिए पहुंच जाते हैं.
ध्यान देने वाली बातें
यह मेहनत वाला काम भले ही न हो पर इसमें हमेशा लगे रहना पड़ता है. मधुमक्खियों की कालोनियों को समय और मौसम के अनुरूप इधर-उधर हटाना पड़ता है. साथ में इसके रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. मधुमक्खियों को होने वाली बीमारी पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है. बीमार मधुमक्खियों से तैयार शहद अच्छे क्वालिटी का नहीं होता है.
यह काफी फायदे वाला बिजनेस है. यदि आप इसे उद्योग के रूप में स्थापित करना चाहते हैं तो जान लें इस बिजनेस को शुरू करने में आयी लागत पहले ही साल में वसूल हो जाती है. इसके बाद तो फायदा ही फायदा होता है.
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