एक्टिंग: हीरो बनने का जुनून पार्ट -1
फिल्म देखने के बाद आप खुद को उस फिल्म का हीरो समझने लगते हैं या रोजाना आईने के सामने घंटों खड़े होकर अपने पसंदीदा कलाकार के डाॅयलाग बोलते हैं या उसकी नकल उतारते है। स्कूल में दोस्तों के सामने अपने प्रिय कलाकार की नकल करते हैं या उसकी तारीफ में लगे रहते है। अगर इन सबका जवाब ‘हां’ में है तो यकीन मानियें आपके अंदर एक कलाकार छुपा है, जो आपको अपनी प्रतिभा को बाहर लाने के लिए उसका रहा है। अपनी इस दबी हुई इच्छा को उभार कर शोहरत, इज्जत और पैसा कमा सकते हैं।
प्रसिद्ध नाट्यकार जार्ज बर्नार्ड शाॅ का कहना है, जो कलाकार होते हैं उनके गुण बचपन से ही दिखायी देने लगते है। वे दुसरों की नकल उतारना शुरू कर देते हैं। यदि वे आगे चल कर अपनी प्रतिभा पर गंभीरता से ध्यान देते हैं तो महान कलाकार बन जाते हैं।
एक्टिंग कैरियर का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आज काफी अवसर खुले है। आज फिल्म, टीवी, एड, म्यूजिक एलबम, रेडियो, वेबसाइड, युट्यिुब, एप आदि क्षेत्र में कोशिश कर सकते हैं।
मुख्य रोल न कर पाने पर, सहायक रोल या करैक्टर रोल में भी आप अपना प्रभाव जमा सकते हैं। राज पाल यादव इसके सबसे बड़े उदाहरण है। बाइस फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करने के बाद उन्हें फिल्म में हीरो का रोल मिला।
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सफलता के मापदंड
ग्लैमर की दुनिया में हर रोज हजारो लोग अपनी किस्मत आजमाने पहुंचते हैं। उनमें से कुछ ही लोग अपनी अलग पहचान बना पाते है। इसकी वजह क्या है?
इस सवाल का सटीक जवाब यह है कि जो बिना तैयारी के इस दुनिया में प्रवेश करता है। वह भटकता रह जाता है।
खूबसूरती, कदकाठी या किसी फिल्म स्टार की नकल कर लेने से कोई अभिनेता या अभिनेत्री नहीं बन जाता है। खूबसूरती और शारीरिक बनावट के अलावा भी अनेक बातें है जिसके बारे में जानकारी होना जरूरी होता है।
इस बारे में निर्देशक राजा बुंदेला ने मुझे एक इंटरव्यूव में बताया था, ‘‘एक्टिंग करना कोई छोटा-मोट काम नहीं होता, इसके लिए काफी मेहनत की जरूरत होती है। बिना सीखें बाॅलीवुड में एंट्री करना मुश्किल होगा। इस क्षेत्र में आना चाहते हैं तो पूरी तैयारी के साथ आएं।’’
फिल्म या टीवी की दुनिया संघर्ष व चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। यदि आप इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं। अपनी पहचान बनाना चाहते हैं तो पूरी तैयारी के साथ आए। पूरी तैयारी करके आने पर सफलता आपको जरूर मिलेगी।
इस क्षेत्र में आने के लिए सबसे पहली जरूरत है आपके अंदर काबलियत, जुनून, जज्बा, अनुशासन, धैर्य, संघर्ष, ईमानदारी, समय के पाबंद, मिलनसार, हंसमुख स्वभाव आदि का होना बहुत जरूरी है। इनके अलावा अच्छी शिक्षा, एक्टिंग, आर्ट, बाॅडी लैग्वेज, मैनरिज्म, डांस, कांफिडेंश का होना भी जरूरी है। यदि आप के अंदर उपरोक्त सारे गुण है तो आप ग्लैमर की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं।
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क्या है एक्टिंग?
प्रसिद्ध नाट्यकार विलियम शेक्सपियर का कहना है, जिंदगी एक नाटक है। हम इस नाटक में काम करते हैं। पूरी दुनिया में जितने लोग है उतने ही तरीके के अभिनय भी है। सब अपने आप में परफैक्ट है। इसे आप अपने आप में अभिनय कह सकते है। कोई किसी की नकल नहीं है। सुबह से शाम तक नहीं पूरी जिंदगी, वे अपना अभिनय करते रहते हंै। उम्र के हर पड़ाव पर जैसे बचपन, तरूण, युवा, अधेड़, बूढ़ापा में पात्र वहीं रहते है पर अभिनय का स्वरूप बदलता रहता है। यह तो थी वास्तविक जीवन के अभिनय की। इन्हीं अभिनय को जब स्टेज या पर्दे के माध्यम से उतारा जाता है वह अभिनय कहलाता है। एक युवा जब किसी बूढ़े पात्र का अभिनय करता है या एक बूढ़ा जब किसी युवा पात्र का बखूबी अभिनय कर देता है। उस पर तालियां बजने लगती है। इसे सजीव एक्टिंग कहा जाता है। यह सच है कि हर कोई संजीव एक्टिंग नहीं कर सकता है। पर अच्छी एक्टिंग तो कर सकता है। खैर यह सब बातें दार्शनिकता की है। हमें उन बातों पर ध्यान नहीं देना है। हम चर्चा कर रहे थे एक्टिंग की।
एक्टिंग को तीन भागों में बांटा जा सकता है।
- स्वाभाविक एक्टिंग
- शौकिया एक्टिंग
- और व्यवसायिक एक्टिंग
स्वभाविक एक्टिंग
हम दिन में जो काम करते हैं, लोगों से बातें करते है, जो भी गतिविधियां करते हैं, उसमें हंसी खुशी, गुस्सा, मजाक, अपनापन दुत्कार, ऐसे अनेक तरह की बातें हैं जो स्वाभाविक एक्टिंग ही है, जो जिस पेशा से जुड़ा हुआ जैसे डाक्टर, पत्रकार, बनिया, नाई, ब्यूटीशियन, क्लर्क, पुलिसमैन, इंस्पेक्टर, ट्रफिक पुलिस, जज, छात्र, टीचर आदि सब अपना-अपना स्वाभ्ज्ञाविक एक्टिंग कर रहे हैं।
शौकिया एक्टिंग
अनेक लोग को अभिनय करने का शौक होता है जो स्कूल, काॅलेज, मंच, पर्व, सार्वजनिक कार्यक्रमों आदि में शौकिया एक्टिंग करते रहते हैं। जो एक्टिंग, एंकरिंग, डांस, मिमिक्री आदि प्रस्तुत करते हैं। शौकिया एक्टिंग करने वाले अनेक कलाकार अपने कला को निखार लेते है तो वे आगे चल कर टीवी व फिल्मों तक पहुंच जाते हैं।
अधिकतर बड़े कलाकारों का कहना है, एक्टिंग की रूचि यदि बचपन में ही किसी बच्चे में आ जाती है तो उसे बढ़ावा देना चाहिए। आगे चल कर वे अच्छे कलाकार बनते हैं। अनेक अभिभावक इसे अच्छा नहीं मानते हैं। इस बारे में एक्टर बर्नाचिंग का कहना है, बच्चों द्वारा बचपन में एक्टिंग करवाना शुरू कर देना चाहिए। अनेक अभिभावक इसे अच्छा नहीं मानते हैं, जबकि मैं उन अभिभावकों से कहना चाहता हूं कि एक्टिंग की कला एक अद्भूत गुण है।
इसे किसी भी हालत में दबाना नहीं चाहिए। बचपन में एक्टिंग की पकड़ रखने वाले बच्चों में यदि यह गुण है तो उन्हें प्रोत्साहित करें। ऐसे बच्चे आगे चल कर बहुत कुछ चमत्कार कर सकते हैं। यदि बच्चे में एक्टिंग के गुण है तो उन्हें प्रोत्साहित करे और बढ़ाने की कोशिश करें। मनोचिकित्सक स्यांग डी का कहना है कि एक्टिंग के प्रति सम्मान वाले बच्चे अन्य मामलों मंे भी काफी आगे होते हैं। अपनी पढ़ाई, खेल, तार्किक, शक्ति में वे अव्वल होते है। ऐसे में अभिभावक यदि अपने बच्चे का सही दिशा निर्देश करें तो वे सफलता की ऊंचाईयों को छू सकते हैं।
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व्यावसायिक एक्टिंग
फिल्म, टीवी, रंगमंच आदि में एक्टिंग करनेवाले जिन्हें एक्टिंग के बदले पैसा मिलता है उसे व्यावसायिक एक्टिंग कहा जाता है। जब आपको किसी काम के बदले पैसा मिल रहा है। इसलिए आपकी जिम्मेदारी हो जाती है कि आप उस काम को अच्छी तरह से करें। जितनी अच्छी तरह से आप उसे करेंगे आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। आपकी मांग बढ़ेगी। आपकी आमदनी भी बढ़ेगी।
व्यावसायिक एक्टिंग में प्रतिस्पर्धा काफी है जो जितनी अच्छी तरह से इस क्षेत्र में खुद को प्रस्तुत करेगा वह दौड़ में आगे रहेगा। भले इस मामले में लोग अनेक तरह की बातंे करते हो, पर आपको यह जान लेना चाहिए कि आप अपनी काबलियत को कोई भी दबाकर नहीं रख सकता है। वह किसी न किसी तरह से सामने आ जायेगा।
इस क्षेत्र में आने के पहले अनेक लोग यह कहते रहते है कि फिल्मों में स्टार पुत्रों को ही मौका मिलता है। ऐसी बातें मन से निकाल दें। जिसके अंदर टेलैंट हैं। उसे मुकाम जरूर हासिल होता है। अपने टेलैंट पर हमेशा भरोसा करें। शाहरूख खान, नवाजउद्ीन सिद्किी, राज पाल यादव किसी स्टार के पुत्र नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने जो भी मुकाम हासिल किया है वह सबके सामने हैं। अपने अभिनय अपनी प्रतिभा, अपनी काबलियत की बदौलत पायी है। यदि आप में एक्टिंग की खूबियां है तो आपको मौका मिलेगा। आप छोटे से रोल में भी अपना प्रभाव डाल सकते है। राजपाल यादव ने छोटे-छोटे रोल करते हुए मुख्य भूमिका तक पहुंच गया।
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