ग्रामीण बिजनेस: गांव में किए जाने वाले बिजनेस भाग-2
ग्रामीण बिजनेस (Grameen Business) के अंतर्गत गांव में कौनकौन से बिजनेस किए जा सकते है. ग्रामीण बिजनेस भाग-1 में दूध डेयरी, मुर्गी पालन, फूलों की खेती, सब्जी की खेती और मछली पालन के बारे में जानकारी दी है. ग्रामीण बिजनेस भाग-2 है. आईए गांव में किए जाने वाले कुछ और बिजनेस के बारे में जाने.
शहद का बिजनेस
गांव में अनेक लोग जंगल से मधुमक्खी का छत्ता तोड़कर शहद निकालने का काम करते हैं. यह काम कुछ खास समुदाय के लोग ही करते है. शहद के लाभ को देखते हुए अब इस काम ने आज प्रोफेशनल बिजनेस का रूप ले लिया है. अब लोगों को शहद के लिए जंगल-जंगल भटकने की जरूरत नहीं पड़ती है. वे स्वयं ही शहद तैयार करने लगे हंै. जो लोग गांव में रहकर कोई बढ़िया बिजनेस करना चाहते हैं, उनके लिए मधुमक्खी पालन एक काफी अच्छा बिजनेस है जिसमें लागत कम और कमाई काफी अधिक है.
कृषि विश्वविद्यालय तथा इससे संबंधित संस्थाओं द्वारा मधुमक्खी पालन का कोर्स व ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाएं जाते हंै. सरकार द्वारा समय-समय पर ब्लाॅक स्तर पर गांवों में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएं जाते हैं, जिसकी सूचना बीडीओ के पास होती है.
शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा वित्तिय सहायता भी दी जाती है. शुरूशुरू में शहद के विपणन के लिए मधुमक्खी पालक को खरीददारों से सम्पर्क करना पड़ता है. कुछ समय बाद खरीददार खुद ही मधुमक्खी पालक के पास पहुंच जाते हैं. यदि आप बड़े स्तर पर मधुमक्खी का पालन कर रहे हैं तो अनेक आयुर्वेद कंपनियां भी है जो थोक में आपसे माल खरीद लेगी.
बांस लगाएं
आपके पास यदि बंजर जमीन पड़ी है. उस स्थान से आप कमाई कर सकते है. वहां पर आप बांस का उत्पाद कर लाखों रूपए प्रतिवर्ष कमाई कर सकते हैं. आजकल शहरों में बांस की काफी डिमांड है. बांस के द्वारा अनेक प्रकार के शो पीस बनाएं जाते हैं जो काफी मंहगें दामों में बिकते हैं. बांस का पेड़ एक बार लगा देने पर उसके देखभाल की भी खास आवश्यकता नहीं होती.
पेड़ लगाएं
बांस की तरह आप मंहगे इमारती लकड़ी वाले पेड़ जैसे सागौन, शीशम, लगा कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. आपके पास एक-दो एकड़ कम उपजाऊ वाली जमीन है तो उसमें आप सागौन, शीशम जैसे मंहगें इमारती लड़कियों के पेड़ लगा सकते हैं. पेड़ 8-10 सालों में पूर्ण रूप से विकसित हो जाते हैं. इसके बाद इसे आप काट सकते हैं. आज की कीमत के हिसाब से एक पेड़ की कीमत 40 से 50 हजार रूपए हैं. इस हिसाब से सौ पेड़ तैयार कर लेते हैं तो कुछ सालों बाद आप करोड़पति बन जाएंगे.
मशरूम का उत्पादन
शहरों में मशरूम की काफी डिमांड है. देखा गया है इसकी जितनी डिमांड है उस हिसाब से इसका उत्पादन नहीं हो रहा है. वहीं इसकी डिमांड दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. थोड़ा सा निवेश और थोड़ी सी मेहनत कर आप प्रति माह 50 हजार रूपए तक कमा सकते हैं.
इसे शुरू करने के पहले इसकी ट्रेनिंग जरूर लें. मशरूम के उत्पाद और इसके बिजनेस की बारीकियों को सीखें. फिर देखें आपके पास पानी की तरह पैसा आने लगेगा. मशरूम का उत्पादन घर के पीछे खाली पड़ी जगह पर करके अच्छी इनकम कर सकते है.
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गुड़ बनाएं
गुड़ का बिजनेस हाॅट बिजनेस मंे गिना जाने लगा है. इस बिजनेस को शुरू करने पर नुकसान बिलकुल भी नहीं है. शक्कर के शारीरिक नुकसान को देखते हुए लोगों में गुड़ की डिमांड बढ़ रही है. डाक्टर भी शक्कर की बजाएं गुड़ की मिठाई खाने की सलाह दे रहे हैं. इसी वजह से गुड़ की आज काफी डिमांड है वहीं इसकी कीमत शक्कर से भी अधिक हो गई है. माना जा रहा है आने वाले दिनों में गुड़ की कीमत शक्कर से कई गुना अधिक हो जाएंगी. जिस इलाके में गन्ने की अच्छी खेती होती है उस इलाके में गुड बनाया जा सकता है. गुड को पारंपरिक तरीके से तैयार करें और उसे बेंचने के लिए शहर भेंजे. जहां गन्ने का उत्पाद होता है उस इलाके में गन्ना भी केडिट में मिल सकता है. गुड़ बेचते ही उसे आप चुका सकते हैं.
एक बात का ध्यान रखें गुड़ के उत्पादन के लिए आपको एफआईएफएएस से अनुमोदन पत्र लेना जरूरी है.
एलोवेरा की खेती
एलोवेरा यानी ग्वारा पाठा का इस्तेमाल कई प्रकार की औषधी और सौंदर्य प्रसाधन बनाएं में किया जा रहा है. इसलिए एलोवेरा की डिमांड काफी बढ़ गई है. एक बीघा जमीन में ढ़ाई हजार से तीन हजार पौधे लगाएं जा सकते हैं. इसमें लगभग पांच से छह हजार रूपए का खर्च आता है. एलोवेरा को एक बार लगा देने के बाद खास देखभाल की आवश्यकता नहीं होती. इस पर ओलावृष्टि, पाला और बेमौसम बरसात का भी बूरा प्रभाव नहीं पड़ता है.
कीटनाशक दवाओं की भी अवाश्यकता नहीं होती. अच्छी बात यह है कि इसे छायादार वृक्षों के नीचे भी लगाया जा सकता है. साल में इसके पत्तियों को तीन-चार बार काटा जा सकता है. सालभर में बैठे बैठाएं तीन से चार लाख रूपयों की कमाई आसानी से कर सकते हैं. एलोवेरा की पत्तियों की बिक्री के लिए अपने शहर के आयुर्वेदिक कंपनियों से सम्पर्क कर सकते हैं.
तुलसी की खेती
घर के आंगन में लगाई जाने वाली तुलसी की काफी मांग है. इसका उत्पाद करना आज काफी फायदे का सौदा साबित हो रहा है. तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल औषधी और सौंदर्य प्रोडेक्ट बनाने में किया जाता है. यहीं नहीं तुलसी के पत्तों की डिमांड विदेशों में भी है. विदेशों में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल खाने वाले पदार्थो, आइक्रीम अदि में फ्लेवर के लिए किया जाता है.
तुलसी की खेती करना कोई अधिक परेशानी वाला काम नहीं हैं. 10 बीघा जमीन में तुलसी का उत्पाद करने में पच्चीस से तीस हजार का खर्चा आता है. इसकी बिक्री सात से आठ लाख की हो जाती है.
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