हाईफाई सब्जी का बिजनेस :
डोर टू डोर फल और सब्जियां हाईफाई तरीके से बेचें
Fruit and vegetable business को कोई छोटा-मोटा बिजनेस न समझें. रिलाइंस, टाटा, बिरला, बिग बाजार जैसी कारपोरेट कंपनियां सब्जियां बेच रही हैं. जब बड़ी-बड़ी कंपनियां सब्जियां बेच रही है तो फिर इसे छोटामोटा बिजनेस कैसे कह सकते हैं?
यदि आप सही मायने में एक बड़ा बिजनेसमैन बनना चाहते हैं तो यह कभी न सोचे कि यह काम छोटा है या बहुत बड़ा. कोई भी बिजनेस छोटा या बड़ा नहीं होता है. यह आपके ऊपर डिपेंड है कि आप किस बिजनेस को कितनी ऊंचाई तक ले जाते हैं.
Fruit and vegetable business को यदि नए अंदाज के साथ किया जाएं तो छोटे स्तर का बिजनेस भी हाईफाई बिजनेस बन सकता है. पटना के आईटी इंजीनियर कौशलेन्द्र ने अहमदाबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ायी पास की. किसी बड़ी कंपनी में इंजीनियर की नौकरी करने की बजाएं उन्होंने सब्जी का बिजनेस शुरू किया और देखते ही देखते करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी. आज उसकी कंपनी, समृद्धि में 7000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं. कौशलेन्द्र सिर्फ पटना ही नहीं मुबंई, दिल्ली, कोलकाता तक अपनी सब्जियां बेच रहे हैं.
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आप कोई नया बिजनेस करना चाहते हैं तो इस बिजनेस आइडिया को जरूर पढ़े. नेट मार्केटिंग ने सब्जी बेचने को भी हाईटेक कर दिया है. अब लोग अन्य सामानों की तरह हरी ताजी सब्जियां भी आॅनलाइन मंगाने लगे हैं. आप भी ताजी सब्जियों और फल को नए अंदाज में मोबाइल और नेट के माध्यम से डोर टू डोर बेच कर हाईफाई सब्जीवाला बन सकते हैं. इसमें मेहनत भी कम है और कमाई भी अधिक हैं.
डोर टू डोर सब्जियों के बिजनेस के लिए अपने शहर के किसी पाॅश इलाके को चुने. जहां आप अच्छे से अपनी सर्विस दे सकते हैं. हो सके तो अपने रहने के ठिकाने के करीब का इलाका ही चुने ताकि आॅर्डर मिलने पर सब्जियां जल्दी पहुंचा सके.
इससे समय की बचत होगी और ट्रांसपोर्ट पर भी कम खर्च होगा. अपने बिजनेस का एक अच्छा सा नाम रखें और उस नाम से एक वेबसाइट तैयार कर लें.
Fruit and vegetable business को शुरू करने से पहले
किनकिन बातों का ध्यान रखना है, इस बारे में जान लें
सबसे पहली बात:-
आप सब्जी की बिक्री पाॅश इलाके में करने वाले हैं. इसलिए माल एक दम फ्रेश होना चाहिए. इसके लिए मंडी से जब माल खरीदें इस बात का ध्यान रखें माल सबसे अच्छी क्वालिटी का हो. भले ही वह मंहगी क्यों न हो.
फल व सब्जियों के साइज का भी ध्यान रखें. वह न अधिक बड़े हो और न अधिक छोटे. अमीर लोग एक ही साइज की चीजें पसंद करते हैं. एक साइज के सब्जियों और फलों को देखकर उनका दिल खुश हो जाएगा. वे परमानेंट ग्राहक बन जाएंगे.
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मंडी से माल लाने के बाद उसकी छंटाई करें. उनमें से जो अलग साइज या खराब लगे उन्हें निकाल दें. इसके बाद साफ पानी से उसकी सफाई करें ताकि सब्जी एकदम फ्रेश और चमकदार दिखाई दें. इस बात का ध्यान रहें सब्जियों और फलों को चमकाने के लिए किसी प्रकार के केमीकल्स का इस्तेमाल न करें. यह गैरकानूनी है.
दूसरी बात:-
आर्डर आने के बाद सब्जियों को किसी फटे-पुराने झोले या काले प्लास्टिक की पन्नियों में भर कर न भेंजे. सब्जियों को भेंजवाने के लिए उसकी पैकिंग पर भी ध्यान दें.
हर सब्जियों के पैकिंग का तरीका भी अलग-अलग है, उसे अपनाना होगा. हरे पत्तों वाली सब्जियों को कुछ इस तरह से पैक करें कि वह ताजी रहें.
आजकल मार्केट में सब्ज्यिों को पैक करने के लिए अनेक प्रकार के पैकिंग सामग्री मिल रहे हैं उसका इस्तेमाल करें. इसके लिए अच्छी क्वालिटी के प्लास्टिक व कागज के पैकेट, नेट यानी जाली वाले थैले, प्लास्टिक, थरमाकोल व गत्ते के डिब्बे या सांचे आदि इस्तेमाल में ला सकते हैं.
तीसरी बात:-
फल व सब्जियों के रेट फिक्स रखें. इसमें कंप्रोमाइज न करें. लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें रेट मनमाना ना हो. फल और सब्जियों की कीमत मार्केट रेट से बहुत अधिक होने पर लोग आॅर्डर नहीं देगें.
चौथी बात:-
खुद को ब्रांड बनाएं. खुद को ब्रांड बनाने में अधिक खर्च करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि ब्रांड पर खर्च हुए पैसे कस्टमर से ही वसूल किए जाते हैं. जब आप खुद को ब्रांड की तरह प्रस्तुत करते हैं तो उसका प्रभाव बिजनेस पर पड़ता है. इससे बिजनेस अपने आप में बहुत बड़ा लगने लगता है और वह तेजी से बढ़ने लगता है.
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पांचवीं बात:-
बिजनेस को ब्रांड बनाने के लिए एक अच्छा सा नाम रखें. नाम ऐसा हो जो सरल, युनिक और लोगों को एट्रैक्ट करें. साथ ही उससे बिजनेस की पूरी जानकारी मिल जाएं. जैसे वेजीटेबल आॅन डोर, फ्रेश ग्रीन सर्विस, सब्जी डाॅट काॅम, सब्जी भाजी डाॅट काॅम, सब्जी डोर टू डोर आदि. इनके साथ आप अपने शहर का नाम कस्बे का नाम या फिर एरिया का नाम भी जोड़कर रख सकते हैं.
बिजनेस का जो भी नाम रखें उसी नाम से वेबसाइट बनाएं. वेबसाइट में बिजनेस की सारी डिटेल हो. वेबसाइट में फल और सब्जियों के फोटो, उनके रेट और खरीददारी करने पर डिस्काउंट आॅफर की सुविधा भी होनी चाहिए.
आपके यहां क्या-क्या मिलता है, उन सब्जियों व फलों की कीमत, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप नंबर, कांटेक्ट अस आदि भी होने चाहिए. फोटो गैलरी में सब्जियों व फलों के रंगीन फोटोग्राफस जरूर हो.
छटवीं बात:-
सबसे जरूरी बात, सब्जियों की पैकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पैकेट, बाॅक्स आदि पर कंपनी का नाम व लोगो प्रिंट होने चाहिए. उन पर प्रिंट की बजाएं स्टीकर भी लगा सकते हैं. यह आपके पहचान के साथ साथ आपके ब्रांड की पब्लिसिटी में भी मदद करेगा.
स्टीकर पर भी ब्रांड का नाम, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप नंबर, वेबसाइट आदि प्रिंट होनी चाहिए. इसके साथ डिलेवरी वेन, मोटरसाइकिल, साइकिल पर भी ब्रांड के नाम व लोगो प्रिंट होने चाहिए. जिससे दूर से ही पहचान में आ जाएं. डिलेवरी व्हीकलस जहां से भी गुजरेगें वहां के लोगों को आपकी कंपनी के बारे में जानकारी होती जाएगी.
सातवीं बात:-
सभी डिलेवरी बाॅय के लिए खास किस्म की डिजाइन की हुई वर्दी यानी ड्रेस होनी चाहिए. जब आप पिज्जा हट, केएफसी या मैकडोनल्ड में जाते है तो देखते हंै वहां हर कर्मचारियों की एक ही ड्रेस होती है. उसी तरह आपके कर्मचारियों के भी ड्रेस का कलर और डिजाइन एक-सी होनी चाहिए. यह बिजनेस को ब्रांड बनाने में मदद करता है.
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आठवीं बात:-
पेंचुलिटी यानी समय का पक्का होना. आॅर्डर आने पर आपके द्वारा दिए गए टाइम पर समान की डिलेवरी करना है. भले ही इसके लिए आप कस्टमर से कुछ टाइम बढ़ा कर मांगे, मगर जो समय मांगे उसी समय पर समान की डिलेवरी दे. इससे बिजनेस की साख बढ़ती है.
नवीं बात:-
बिजनेस की पब्लिसिटी के लिए रंगीन पम्पलेट प्रिंट करवाएं, जिसमें ताजे सब्जियां और फल मार्केट रेट पर डोर टू डोर सर्विस देने की बात लिखें. उसमें अपना मोबाइल नंबर तथा व्हाट्सएप नंबर दें.
पम्पलेट अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए और उसमें अच्छे क्वालिटी के फल और सब्जियों के फोटो होने चाहिए.
आप सोच रहे होगें कि सब्जी और फल बेचने के लिए रंगीन पम्पलेट की क्या जरूरत है? यह तो साधारण पम्पलेट से भी चल जाएगा.
इसी की तो सबसे पहले जरूरत है. आप पाॅश इलाके में हाईटेक तरीके से सब्जियां बेचने का का बिजनेस शुरू करने वाले हैं तो शुरूआत भी हाई लेबल की होनी चाहिए. पम्पलेट की क्वालिटी देखकर पाॅश इलाके के लोगों को यह लगे की इसमें कुछ तो डिफरेंट है.
पम्पलेट में अच्छे ताजी फल व सब्जियों के फोटो को देखकर उन्हें यह महसूस होगा कि आप उन्हें ठीक ऐसी ही ताजी सब्जीयां देने वाले हैं. जब घर बैठे मार्केट रेट पर ताजी सब्जियां मिल रही है तो बाजार जाने की क्या जरूरत है.
पम्पलेट में दिए गए वेबसाइट को सर्च करने लगेगें. वेबसाइट से उन्हें सब्जी के रेट और सर्विस के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी और आपको धड़ाधड़ आॅर्डर मिलने लगेगा.
बिजनेस को शुरू करने में लगने वाली लागत
इस बिजनेस को शुरू करने में 50 से एक लाख रूपए तक खर्च होंगा, जिसमें कमरे का किराया डिपोजिट व नीजी वाहन का चार्ज जुड़ा नहीं है. जहां तक प्रोफिट की बात, शुरू में खर्चे काट कर 10 से 20 हजार रूपए की कमाई हो जाएगी. लेकिन कुछ ही महिनों में बिजनेस जम जाने पर प्रति माह लाखों रूपए कमा सकते हैं.
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ध्यान देने वाली बातें
– इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कंप्युटर या लैपटाॅप व स्मार्ट फोन और दो मोबाइल नंबर होना चाहिए. बिजनेस के लिए लिया गया नंबर युनिक होना चाहिए.
– कंपनी का लोगो व नाम की डिजायनिंग किसी प्रोफेशनल डिजानर से बनवाएं.
– किसी अच्छे प्रोफेशनल वेबडिजाइनर से ई काॅमर्स वेबसाइट बनवाएं, जिसमें आॅनलाइन बिजनेस से जरूरी सभी चीजें होनी चाहिए.
– आॅनलाइन बिजनेस शुरू करने से पहले बिजनेस के हर पहलू पर अच्छे से होमवर्क कर लें.
– देशी फल और सब्जियों के साथ-साथ ड्राईफ्रूड, डेरी प्रोडेक्ट और विदेशी फल व सब्जियां भी बेच सकते हैं. फल और सब्जियां ताजे व फ्रेस होने चाहिए.
– चलिए हम एक बार फिर देख लेते हैं आपको क्या-क्या करना है. फ्रेश माल लाना है, उसे क्लीन करना है, अच्छी पैकेजिंग करना, डिलेवरी बाॅय के लिए ड्रेस तैयार करवाना है और एक वेबसाइट बनानी है.
(काॅपीराइट बिजनेस मंत्रा)