सिंगिंग को आय का माध्यम कैसे बनाएं?
हमारे समाज के ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चे को डाॅक्टर, इंजीनियर, टीचर, आईपीएस, आईएस बनाना चाहते हैं. इसके लिए माता-पिता सिर्फ अपनी पसंद को देखते हैं. बच्चे की रूचि व पसंद को अनदेखा कर देते हैं. आगे चलकर जब बच्चे को सफलता नहीं मिल पाती है, तब पछताने के सिवा उनके पास कुछ नहीं रहता है.
एक जमाने में संगीत को उतना अच्छा नहीं माना जाता था. संगीत के प्रति लोगों का नजरिया बदला है. संगीत आज लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. फिल्म या टीवी ही नहीं आजकल म्युजिकल एलबम, स्टार नाइट, बढ़ती लोकप्रियता की वजह से यह काफी हाॅट करियर हो गया है. जहां मस्ती, नाम और पैसा सबकुछ है.
किसी बच्चे में कोई आंतरिक गुण है तो माता-पिता को उस और ध्यान देना चाहिए. गौरव को बचपन से ही गायन का शौक था वह किसी भी गाने को सुनकर हूबहू गा देता था. धीरे-धीरे उसका शौक बढ़ता गया. बड़े होने पर सिगिंग के अलावा किसी काम में उसका मन नहीं लगता था. कम उम्र में ही उसने आर्केस्ट्रा ज्वाॅइन कर लिया. जिस उम्र में बच्चें माता-पिता के दिए पाॅकेट खर्च के भरोसे रहते हैं उस उम्र में गौरव कमाई करके घर पर देने लगा था. यह तो अच्छा रहा गौरव को उसके मातापिता का सपोर्ट मिला, जिससे आज वह अच्छा सिंगर बन पाया.
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किसी-किसी इंसान में ऐसे आंतरिक गुण होते हैं जिसे विकसित करके वे धन, सम्मान और उपलब्धी पा सकते हैं. माता-पिता को चाहिए अपने बच्चे के अंदर ऐसी कोई प्रतिभा है तो उसे दबाने की बजाए, उभारने की कोशिश करें. उसे निखारने के लिए साधन उपलब्ध करवाएं जिससे वह अपने अंदर की प्रतिभा को खुलकर सामने ला सकें.
आज नए कलाकारों के बढ़ने के काफी चांसेज बढ़ गए है. ढ़ेर सारे चैनल जिन पर आजकल गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. जिनकी आवाज अच्छी है उन्हें ट्रेनिंग भी जा रही है ताकि उनकी प्रतिभा और निखर कर सामने आएं. यदि वह प्रोग्राम का विनर हो जाता हंै तो वह रातों रात सिलिब्रिटी बन जाता है. उसे पैसा और नाम दोनों एक साथ मिल जाता है.
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टीवी चैनलों के अलावा आजकल एफएम पर सिंगिंग के प्रोग्राम शुरू हो गए है, जो बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है. छोटे-छोटे शहरों के कलाकार भी इसके द्वारा अच्छे मौके पा रहे है. म्युजिक एलबम या वीडियों एलबम तैयार करके भी अपनी पहचान को सामने ला सकते हैं. अनेक ऐसे कलाकार भी सामने आए है जिन्होंने अपने गाने की शुरूआत होटल में गाने गाकर की थी. कुमार शानू, स्ट्रगल के दिनों में होटल में गाना गाया करते थे. गुलशन कुमार ने उन्हें अपनी टी सीरीज कंपनी में गाने का मौका दिया. धीरे-धीरे उनकी पहचान बन गई. फिल्मों के लिए उन्होंने अनेक सुपरडुपर गाने गाए.
आपके बच्चे में यदि प्रतिभा है तो उसे दबाने की कोशिश न करें, बल्कि उसे निखारने की कोशिश करें. उसके कला में जितना अधिक निखार आएगा आगे चल कर उसे उतना ही अधिक फायदा मिलेगा. जब भी कोई अपनी रूचि के क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाता है उसे देर सबेरे सफलता मिलती है.
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इंटरनेट एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां से अपनी प्रतिभा को दुनिया के कोने-कोने तक फैला सकते हैं. अपनी आवाज को युट्यिुब के माध्यम से भी लोगों के सामने ला सकते है.
ध्यान देने वाली बातें
– गायन के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो किसी को अपना गुरू बनाएं. उनसे गायन की बारिकियों को जरूर सीखें.
– संगीत के कार्यक्रम में शामिल होने पर उन बारिकियों की जानकारी होना जरूरी है तभी आप इसका फायदा ले सकते हैं.
– रियाज खूब करें. जितना ज्यादा रियाज करेंगे, उतना ही कला में निखार आएगा.
– अपनी कला को दबाकर रखने की बजाएं उसे उभारने की कोशिश करें. शुरू में जहां भी गाने का मौका मिले अवसर को न छोड़ें.
– किसी की नकल करने की बजाए अपना नया स्टाइल बनाएं. इससे सफलता जल्दी मिलेगी.
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