आरजे, वीजे और डीजे
नए जमाने के करियर की बात की जाएं तो आरजे, वीजे और डीजे काफी अच्छे प्रोफेशन में से है. इसमें ग्लैमर भी है और पैसा भी. फिल्म, म्युजिक और मस्ती से जुड़े इस प्रोफेशन की मांग सारी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है.
आरजे यानी रेडियो जाॅकी
एफएम चैनल और चैबीस घंटे के संगीत चैनलों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके चलते आरजे यानी रेडियो जौकी की डिमांड भी बढ़ रही है. एक अच्छा रेडियो जौकी बनने के लिए स्पष्ट आवाज, आकर्षक बोलने का अंदाज, शब्दों का सही व शुध्द उच्चारण, हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू के साथ-साथ स्थानीय भाषा का अच्छा ज्ञान होना जरूरी है.
डिफरेंट स्टाइल
डिफरेंट स्टाइल में लाइव प्रोग्राम पेश करने की काबलियत के साथ विभिन्न स्टाइल के संगीत, संगीतकारों , एलबम व श्रोताओं की पसंद के साथ-साथ ट्रेंड की जानकारी भी होनी चाहिए. संगीत के साथ फिल्मों व थिएटर की जानकारी रेडियो जौकी को शीघ्रप्रिय बना देती है. नान-स्टौप संगीत चैनलों में ट्रैफिक बीट, जनसेवा उद्घोषणाएं तथा मुख्य समाचार लिखना व बोलना आना चाहिए.
कैसे पाएं अवसर
इस क्षेत्र में अवसर पाने का सबसे अच्छा तरीका है. आल इंडिया रेडियो हर 3-4 महीने बाद रेडियो जौकी बनने के शौकीनों का आॅडिशन टेस्ट लेता है. आॅडिशन टेस्ट की तिथि व समय पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली स्थित आकाशवाणी भवन के नोटिस बोर्ड पर लग जाती है. अब तो रीजनल स्टेशनों पर भी आॅडिशन की शुरूआत हो गई हैं. आॅडिशन के लिए एनरोलमेंट फार्म भरना पड़ता है.
इंटरव्यू में आपके बोलने का अंदाज व शब्दों के उच्चारण को परखा जाता है. सिलिब्रिटी से इंटरव्यू, डायल इन शो तथा मनोरंजक विषयों पर चंद सेकेंड की कुछ लाइन बोलना होता है.
चयनित प्रशिक्षार्थी को दो माह का प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षण में सांग प्लेयर के आॅपरेशन, मिक्सिंग व डीएटी (डिजिटल आॅडियो टेक्नोलाॅजी) के बारे में जानकारी दी जाती है.
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ट्रेनिंग
रेडियो जौकी के लिए आकाशवाणी के अलावा प्रायवेट संस्थाओं द्वारा रेडियो पर व कैमरे के सामने बोलने का प्रशिक्षण दे रही है. इससे तकनीकी जानकारी मिल जाती है. सफलता आपकी क्रिएटिविटी और कांफिडेंश पर निर्भर है. इसके अलावा जनसंचार, रेडियो व टीवी प्रसारण से जुड़े कोर्स व संपादन मिक्सिंग संबंधित कोर्स करके भी इस क्षेत्र में कदम रखा जा सकता है.
वीजे यानी वीडियो डिस्क जौकी
यह भी रेडियों जाॅकी की तरह ही काफी ग्लैमराइज प्रोफेसन है. एमटीवी व चैनल वी के आगमन से वीडियो डिस्क जौकी की मांग तेजी से बढ़ी है. आपका चेहरा व फीगर आकर्षक व फोटोजेनिक है. कैमरे के सामने बोलने में कोई झिझक नहीं होती है. गीतसंगीत में रूचि व समझ तथा स्क्रीन पर अच्छी प्रस्तुति की समझ है तो आप वीजे के रूप में कैरियर बना सकते हैं.
मूलभूत जरूरतें
संगीत की जानकारी के साथ क्विज शो, राह चलते लोगों से दिलचस्प अंदाज में बातचीत के साथ विभिन्न वर्ग के दर्शकों के साथ संवाद कायम करने की क्षमता, लाइव शो के लिए हाजिर जवाबी तथा प्रेजेंस आॅफ माइंड होना चाहिए. तत्कालीन समाचारों, घटनाओं व विविध विषयों की जानकारी और उन्हे प्रस्तुत करने की खूबी होना जरूरी है. इसके साथ लच्छेदार भाषा व स्टाइलिश अंदाज है तो आपको एक सफल वीजे बनने में देर नहीं लगेगी.
वीडियो जौकी में काफी भागदौड़ व मेहनत भी करनी होती है. लाइव प्रोग्राम के लिए यहांवहां जाना पड़ता है. स्क्रीन प्रेजंेट, नान स्टाप वार्तालाप, रचनात्मक व आकर्षक अंदाज से श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर खींचना होता है. इन सब बातों से सामना करने के लिए तैयार है तो इस फिल्ड में आईएं.
वीजे ट्रेनिंग
वीजे की लोकप्रियता और डिमांड को देखते हुए बड़े शहरों में नीजि संस्थाओं द्वारा इसके र्कोस शुरू किये है. जहां आप ट्रेनिंग के लिए सम्पर्क कर सकते हैं. यदि आप के पास कुछ खास स्टाइल व खूबी है तो आप अपना डिजीटल पोर्टफोलियो बनवा कर विभिन्न टीवी चैनलों पर भेंज सकते हैं. आपका अंदाज पसंद आने पर आपको बुलाया जा सकता है.
डीजे यानी डिस्क जाॅकी
रेडियो और वीजे की तरह डीजे यानी डिस्क जौकी इसे डिस्को जौकी भी कहा जाता है. जो पहले फाइव स्टार होटलों, डिस्को, पब, नाइट क्लब तक ही सीमित था. इससे निकल कर डीजे आजकल प्राइवेट पार्टी, म्युजिक इवेंट्स, शादी की समारोह तक पहुंच गया है.
डीजे का मुख्य कार्य चुनिंदा संगीत सीडी कार्यक्रमों को पेश करना होता है. लोकप्रिय गीतसंगीत की मिक्सिंग तथा परफेक्ट टाइमिंग, लोगों के मस्ती के मूड समझ कर गीतसंगीत प्रस्तुत करना होता है. डिस्को थेक में डीजे को डांसर्स व उन्मुक्त युवाओं के जोश को नियंत्रित करना होता है या फिर नाइट क्लब की धड़कनों या मूड को प्रकट करना होता है. यदि उसमें यह सब खुबियां है, तो उसे एक अच्छा डीजे माना जाता है.
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मूलभूत बातें
युवा मन की फुर्ती, चुलबुलाहट, संगीत की समझ, मनोरंजन के विविध लटके झटके तथा डांस की मस्ती में डूबे लोगों से संवाद करने की खूबी एक डीजे की सफलता के प्रमुख गुण माने जाते है.
परफेक्शन, प्रसिद्धी दिलाता है. डिस्कोथिक, नाइट क्लबों के अलावा रेस़्त्ररा, होटल म्यूजिक स्टोर, रेडियो सेवा तथा कारपोरेट शो में डीजे को अच्छे व भरपूर अवसर मिलते है.
ट्रेनिंग
बड़े शहरों में अनेक इंस्टीट्यूट खुल गए है. जहां डीजे का प्रशिक्षण ले सकते हैं. जहां तकनीकी जानकारी, ट्यून स्ट्रक्चर, म्युजिक ट्रैक के बारे में जानकारी दी जाती है. प्रशिक्षण लेने वाले स्टुडेंट से डैमो ट्रैक तैयार करवाया जाता है.
चेक लिस्ट
नया स्टाइल जिसमें भरपूर एट्रक्शन हो.
आवाज की पीच में उतारचढ़ाव होना जरूरी है क्योंकि एक ही पीच में बात करने पर लोगों को उतना मजा नहीं आता है.
मिमिक्री आती है तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी.
क्रिएटिविटी और भरपूर कांफिडेंश होना चाहिए.
हाजिर जवाबी तथा प्रेजेंस आफ माइंड काफी काम देता है.
विभिन्न क्षेत्र के मुहावरों, वाक्यों, रीतिरिवाज, शहर की एतिहासिक जानकारी, हर विषय में भरपूर जनरल नाॅलेज का होना प्लस प्वांइट है.
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