शादी से पहले एक युवक उस पंडित के पास गया, जो उस की शादी कराने वाला था. उसे 500 रूपए का नोट देते हुए कहा,‘‘कल फेरों के बाद वचन दिलाते हुए मेरे वाले वचनों, जैसे कि पत्नी के साथ धोखा नहीं करूंगा, सिर्फ उसी से प्यार करूंगा, उस की हर बात मानूंगा आदि को भूल जाना।’’
पंडित ने 500 रूपए का नोट जेब के हवाले करते हुए कहा, ‘‘ठीक है.’’
अगले दिन शादी के फेरों के बाद पंडित ने दूल्हे से कहना शुरू किया, ‘‘अब तुम दुल्हन को वचन दो कि तुम आजीवन किसी और महिला की तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखोगे, अपनी पत्नी को हर संडे को बाहर घुमाने-फिराने ले जाओगे. हर महीने शौपिंग कराओगे. वह लंच बनाएगी तो तुम डिनर बनाओगे और कभी भी अपनी मां को साथ रखने की जिद नहीं करोगे………’’
पंडित अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था कि दूल्हा उस के कान में फुसफुसाया, ‘‘यह आप क्या कह रहे हैं पंडितजी, क्या 500 का नोट भूल गए आप?
पंडित ने चुपके से 500 का नोट वापस करते हुए आगे कहा, ‘‘यह लो तुम्हारे 500 रूपए. …… आजकल 500 रूपए में होता ही क्या है, तुम से अच्छी तो यह दुल्हन है जिसने मुझे इसके लिए 5000 रूपए दिए थे.’’