मुर्गी पालन कैसे करें 2023 | कुक्कट पालन पूरी जानकारी, प्रशिक्षण केन्द्र, नियम, सरकार से मिलने वाली सहायता और लाभ

How to start poultry farming

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मुर्गी पालन कैसे करें 2023 | कुक्कट पालन पूरी जानकारी, प्रशिक्षण केन्द्र, नियम, सरकार से मिलने वाली सहायता और लाभ

 

मुर्गी पालन कैसे शुरू करें, मुर्गी पालन के लिए लोन कैसे मिलेगा, मुर्गी फार्म कहां खोलें, मुर्गी फार्म शुरू करने के लिए आवश्यक डाॅक्युमेंट, मुर्गी फार्म के लिए कौन कौन से बैंक लोन देती है. मुर्गी पालन का बिजनेस कौन कर सकता है आदि बातों की जानकारी चाहते है तो आर्टिकल्स को अंत तक पढ़े

मुर्गी पालन हो या कुक्कट पालन या फिर पोल्ट्री फार्म सभी एक ही है. कोई इसे मुर्गी पालन कहता है तो कोई इसे कुक्कट पालन या फिर  पोल्ट्री फार्म. इसका पालन मांस और अंडे के लिए किया जाता है. इसके लिए अलग-अलग नस्ल की मुर्गी होती है जिनमें ब्रायलर, लेयर, कड़कनाथ, देशी मुर्गी आदि है.

सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है. इसी योजनाएं के अन्तर्गत मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार की ओर से सहायता और अनुदान दिया जाता है. किसानों की आय बढ़ाने के सरकारी स्तर पर सहायता और सब्सिडी दी जाती है.

यदि आप मुर्गी पालन शुरू करना चाहते है तो यह काफी फायदेमंद व्यवसाय होगा. क्योंकि मार्केट में अंडे और चिकन के मीट की डिमांड बारहों महिने बनी रहती है. सालभर डिमांड होने की वजह से इन्हें बेचना मुश्किल नहीं है.

मुर्गी पालन मीट और अंडे दोनों के लिए किया जाता है. आप चाहे तो केवल मीट के लिए मुर्गी पालन कर सकते है. या फिर अण्डे के लिए. यह आपको मुर्गी पालन शुरू करने से पहले ही डिसाईड कर लेना होगा. इसके बाद ही मुर्गी पालन शुरू करें.

 

मुर्गी पालन कैसे करें?

 

सबसे पहले आपको यह तय करना है. आप मुर्गी पालन मांस की बिक्री के लिए करना चाहते हैं या अंडों की बिक्री के लिए. मांस की बिक्री के लिए मुर्गी पालन करना चाहते हैं तो बायलर नस्ल के चूजे लाकर पालना होगा. यह काफी कम समय में तैयार हो जाते हैं. बताया जाता है इसका मांस काफी टेस्टी होता है. इसलिए मार्केट में इसकी डिमांड अधिक है.

ब्रायलर मुर्गी की ग्रोथ तेजी से होती है. ब्रायलर मुर्गी के चूजे का वनज 40 ग्राम तक का होता है और देखते ही देखते छह सप्ताह में इसका वजन बढ़ कर डेढ़ से दो किलो तक का हो जाता है.

इसलिए सिर्फ मांस के लिए मुर्गी पालन कर रहे है तो ब्रायलर मुर्गी का इस्तेमाल करें, इससे कम समय में अच्छी कमाई होगी. ब्रायलर मुर्गी की तरह आप कड़कनाथ मुर्गी पालन भी कर सकते है. कड़कनाथ मुर्गी पालन कैसे करें यह जानने के लिए यहां क्लिक करें.

यदि अण्डे के लिए मुर्गी पालन करना चाहते है तो लेयर नस्ल के चूजों की आवश्यकता होगी. यह चूजे 4 से 5 महिने में अंडें देने के लिए तैयार हो जाते हैं. एक साल में करीब 300 से 350 अंडे देते हैं. इसके बाद इन मुर्गियों को मांस के लिए बेच दिया जाता है. अण्डों का होलसेल बिजनेस कैसे करें पढ़ने के लिए यहां क्लि करें.

 

मुर्गी पालन के प्रकार (Types Of Poultry Farming)

मुर्गी पालन तीन प्रकार का होता है.

ब्रायलर मुर्गी :-

मीट के लिए मुर्गी पालन. इस किस्म की मुर्गी को केवल मांस के लिए पाला जाता है अन्य मुर्गियों की तुलना में यह तेजी से बढ़ने वाली मुर्गी है, जिस वजह से यह मुख्य रूप से मांस के लिए इस्तेमाल की जाती है

लेयर मुर्गी :-

अण्डों के उत्पादन के लिए पोल्ट्री फार्म या मुर्गी पालन. इस तरह की मुर्गी को अंडे का उत्पादन देने के लिए तैयार किया जाता है, जो 4 से 5 माह पश्चात् अंडे देना आरम्भ कर देती है, तथा 1 वर्ष की आयु तक अंडे देती रहती है. जिसके बाद इसे मांस के लिए बेच देते है. इस मुर्गी की आयु 16 माह की होती है.

देसी मुर्गी :-

देसी मुर्गी अन्य मुर्गियों की तुलना में सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है. यह अंडे और मांस दोनों के लिए पाली जाती है. इसके अंडे और मांस की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है, और भाव भी अधिक होता है. जिस वजह से पोल्ट्री फॉर्म वाले देशी मुर्गी के कारोबार को अधिक पसंद करते है.

 

कड़कनाथ मुर्गी पालन :-

कड़कनाथ मुर्गी की एक नस्ल है, जिसे काली मासी भी कहा जाता है. ये मुर्गी पूरी तरह काले होते हैं, कड़कनाथ मुर्गे का खून और मांस भी काले रंग का ही होता है तथा इनके अंडे सुनहरे रंग के होते हैं. कड़कनाथ मुर्गी का पालन देसी मुर्गी पालन की तरह ही कर सकते हैं, इसके दाना-पानी का कोई अधिक खर्चा नहीं लगता है. ये हरे चारे, बरसीम, अनाज चोकर, बाजरा आदि खाकर अच्छी ग्रोथ हासिल करते हैं.

 

मुर्गी पालन कहां शुरू करें Poultry Farming In India

 

मुर्गी पालन आप शहर के आसपास या गांव कहीं भी शुरू कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे पोल्ट्री फार्मिंग ऐसी जगह पर शुरू करना चाहिए जहां शोर शराब कम होता है. आसपास खुला वातावरण हो. आने जाने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. माल ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा हो. ऐसी जगह पर कुक्कट पालन शुरू करके आप लाखों रूपए की कमाई आसानी से कर सकते है.

मुर्गी पालन शुरू करने के लिए साफ-सुथरी लंबे चैड़े जगह की आवश्यकता होती है. यदि आप इसे छोटे स्तर पर शुरू करना चाहते है तो घर के आसपास की खाली जमीन पर भी शुरू कर सकते हैं. इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू कर काफी बड़े स्तर पर ले जा सकते हैं.

 

पोल्ट्री फार्म शेड खर्च

ये सब इसी पर निर्भर करता है कि व्यवसाय का आकार और प्रकार के आधार पर बजट की जरूरत पड़ती है. छोटे स्तर पर मुर्गी फार्म बनाने में लगभग 2 से पांच लाख रूपए खर्च आता है. यह खर्चा व्यापार के आकार पर निर्भर करता है. यदि आप बड़े आकार पर मुर्गी पालन के लिए एक उचित राशि का इन्वेस्ट करना होता है. ये सब इसी पर निर्भर करता है कि व्यवसाय का आकार और प्रकार के आधार पर बजट की जरूरत पड़ती है. बिना पैसे का बिजनेस कैसे करें | Top10 बिजनेस

 

मुर्गी पालन में किन-किन बातों पर खर्च आता है :-

– यदि किराए की जगह हैं तो वहां का किराया
– पोल्ट्री फार्म शेड खर्च
– चूजो को खरीदने के लिए
– मुर्गी दानों के लिए
– कर्मचारियों का वेतन
– पोल्ट्री फार्म में उपयोग के लिए उपकरण
– मार्केटिंग
– परिवहन और अन्य खर्चे

 

मार्केटिंग और पब्लिसिटी

शुरूआत में आपको माल बेचने के लिए पब्लिसिटी और मार्केटिंग पर ध्यान देना होगा. अपने आसपास के शहर या कस्बे में अंडा व चिकन के होलसेल व्यापारियों से मिलें और उन्हें सप्लाई दे. इसके अलावा शहर के छोटे-बड़े होटल के मालिक या मनेजर से मिलें. उन्हें भी डायरेक्ट माल की सप्लाई कर सकते हैं. धीरे धीरे जानपहचान हो जाने के बाद आपको अच्छे ऑर्डर मिलने लगेंगे. आसपास के शहर, कस्बें और गांव के चिकन की दूकानदारों में संपर्क करके उन्हें भी माल की सप्लाई कर सकते हैं.

 

मुर्गियों के लिए दाना

यदि मुर्गी पालन बिजनेस में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो मुर्गियों के खानपान पर विशेष ध्यान दे. मुर्गियों को सही मात्रा में पोषण ना मिलने पर वह कमजोर हो जाती है. उनकी बढ़त कम होती है और उनका वजन भी घटने लगता है. उनके मांस की मात्रा भी कम हो जाती है. इसी तरह अंडे देने वाली मुर्गी भी सही मात्रा में अण्डे नहीं देती है.

पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय में होने वाले घाटे से बचने के लिए मुर्गियों को प्रोटिन और विटामिन युक्त दाना देना चाहिए. जिससे वह तंदरूस्त रहे, तेजी से उसका वजन बढ़ें. इसके साथ ही मुर्गियों को भरपूर मात्रा में साफ पानी देना चाहिए. गंदे पानी की वजह से अक्सर मुर्गिया संक्रमण का शिकर हो जाती है.

 

मुर्गियों का स्वस्थ

मुर्गियों को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर इन्हें टीका लगवाते रहना चाहिए. ताकि वह किसी प्रकार के बीमारी का शिकार ना हो. एक मुर्गी के बीमार होने पर अन्य मुर्गियां भी संक्रमण का शिकार हो जाती है.

मुर्गी पालन शुरू करने के लिए सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है. सरकार द्वारा कई तरह के योजनाएं चलायी जा रही है. जिनके द्वारा मुर्गी पालन शुरू कर सकते है. मुर्गी पालन के लिए सरकार तथा बैंक द्वारा लोन भी दिया जाता है. आज के जमाने में मुर्गी पालन एक अच्छा व्यवसाय है. मुर्गी के मांस और अंडे की डिमांड हमेशा बनी रहती है.

भारत में 30 लाख से अधिक लोग मुर्गी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए है. एक रिर्पोट के अनुसार प्रति दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. सकल घरेलु उत्पाद में 70 हजार करोड़ से भी अधिक का व्यवसाय है. विशेषज्ञों के अनुसार अगले कुछ सालों में कुक्कट पालन कारोबार 1 लाख करोड़ के ऊपर चला जाएगा. मुर्गियों की डिमांड जिस गति से बढ़ रही है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में पोल्ट्री फार्मिंग की डिमांड कम नहीं होने वाली है. आने वाले दिनों में इसमें काफी संभावनाएं है.

 

मुर्गी के चूजे कहां से खरीदे

आप अपने नजदीकी पोल्ट्री फार्मिंग या कुक्कट पालन केंद्र से मुर्गी के चूजे खरीद सकते हैं. चूजे सरकारी संस्थानों द्वारा भी उपलब्ध करवाए जाते हैं. चूजे अच्छे कुक्कट पालन केंद्र से ही खरीदे. और उनसे उन्हें पालने के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी ले लें. एक चूजे को मुर्गी बनने में और एक किलो वजन प्राप्त करने में लगभग 40 से 50 दिन लगते हैं. Papad Udyog Business Kaise Shuru Kare

 

मुर्गी पालन के लाभ

  • – मुर्गी पालन काफी सरल व्यवसाय है, इसमें बहुत अधिक मेहनत नहीं होती है.
    – मुर्गी के मांस और अण्डों की डिमांड बारहों महिने हर मौसम में बनी रहती है.
    – इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए किसी बड़ी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है. कम पढ़े लिखें लोग भी इसे आसानी से शुरू कर सकते है.
    – इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा सहायता दी जाती है.
    – मांस और अंडों की मार्केट में खपत अधिक होने की वजह से डेली इनकम देने वाला बिजनेस है.
    – लगातार इनकम होने की वजह से लोन का भुगतान करने में परेशानी नहीं आती है.
    – मुर्गी पालन को कहीं भी शुरू किया जा सकता है.
    मुर्गी पालन के लिए कुछ आवश्यक बातें
    – मुर्गियों को प्रोटिन और विटामिन युक्त दाना देना चाहिए. जिससे वह तंदरूस्त रहे, तेजी से उसका वजन बढ़ें.
    – फार्म में मुर्गियों के लिए साफ और शुध्द पानी की व्यवस्था होनी चाहिए. अशुध्द पानी की वजह से संक्रमण का शिकर हो जाती है.
    – मुर्गियों को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर टीका लगवाना चाहिए.
    – मुर्गी पालन के लिए गांव में शुरू करें या शहर में इसके लिए जगह गांव या शहर से कुछ दूरी पर होना चाहिए. ताकि मुर्गियों को शोर शराबे से परेशानी ना हो. साथ ही मुर्गियों की गंदगी से लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.
    – मुर्गी पालन जहां शुरू करना चाहते है वहां आसपास का वातावरण खुला होना चाहिए. वहां पानी और लाइट की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
    – मुर्गी पालन ऐसी जगह पर करना होनी चाहिए जहां गाड़ियां आसानी से आ जा सकें.
    – यदि आप छोटे स्तर पर मुर्गी पालन करना चाहते है तो अपने घर के आसपास छोटी सी जगह पर इसे शुरू कर सकते हैं.
    – छोटे स्तर पर मुर्गी पालन करना चाहते है तो देशी मुर्गी का पालन करें. इसके अण्डे और मांस दोनों ही मंहगे कीमत पर बिकते है.

 

मुर्गी पालन के लिए ऋण

पोलट्री फार्म बिजनेस को शुरू करने के लिए सरकार बहुत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाती है. पोलट्री फार्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की गई है. लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होने की वजह से वे इसका लाभ नहीं ले पाते हैं. इस बिजनेस के लिए बैंक भी आसानी से ऋण देती है. बैकों द्वारा दिए गए ऋण पर शून्य प्रतिशत की ब्याज दर होती है. यानि मूलधन के अलावा आपको किसी तरह का ब्याज बैंक को लौटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.

पोलट्री फार्म के लिए सरकार द्वारा सब्सिटी योजना आरम्भ की गई है. इसके अंतर्गत एससी और एसटी कैटेगरी के लिए 35 प्रतिशत यानी एक लाख में 35,000 रूपए की सब्सिटी और जनरल कैटेगरी वालों के लिए 25 प्रतिशत, यानी एक लाख में 25,000 रूप्ए की सब्सिडी दी जाती है. सब्सिटी के बाद जितने रूप्यों की आवश्यकता होती है वह ऋण के रूप् में मिल जाती है. इस तरह से पोलट्री फार्म शुरू करने के लिए आपको अपने जेब से एक पैसा लगाने की आवश्यकता नहीं होती है.

  • मुर्गी पालन के लिए लोन कैसे मिलेगा
    – मुर्गी पालन के लिए वह व्यक्ति आवेदन कर सकता है जिसे मुर्गी पालन का अनुभव है या उसने किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थान से मुर्गी पालन की ट्रेनिंग ली हो.
  • – मुर्गी फार्म जहां शुरू किया जाना है उसके आधा किलोमीटर की दूरी के बीच कोई मुर्गी फार्म नहीं होनी चाहिए.
    लोन के लिए आवश्यक डाॅक्युमेंट
  • – मुर्गी पालन के लिए लोन का आवेदन करने के साथ कुछ आवश्यक डोक्युमेंट देना पड़ता है.
    जिनमें:-

1 आई डी यानि पहचान पत्र (ड्राइविंग लायसेंस, वोटर आई डी, पेन कार्ड, पासपोर्ट आदि)
2 आधार कार्ड
3 नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो
4 बैंक स्टेटमेंट की फोटोकापी
5 एक जमानतदार
6 प्रोजेक्ट रिपोर्ट

मुर्गी पालन के लिए कौन कौन से बैंक लोन देती है.

मुर्गी पालन के लिए लगभग सभी राष्ट्रीकृत बैंक तथा प्रायवेट बैंक लोन देती है. हर बैंक के अपने अपने नियम है. उन नियमों का पालन करना जरूरी है.

 

पोल्ट्री फार्म लोन सब्सिडी (Poultry Farm Loan Subsidy)

मुर्गी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है. लेकिन यह सब्सिडी अलग अलग केटेगरी वालो के लिए अलग है. लोने लेने वाले जनरल कटेगरी वालों को 25 प्रतिशत, एसटी और एससी केटेगरी वालों को 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है.

यह सब्सिडी नाबर्ड या एमएसएमई द्वारा दिया जाता है. सरकार पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए लोन की सुविधा भी प्रदान करती है. वर्तमान समय मेंSBI (State Bank Of India) मुर्गी पालन का व्यवसाय करने वाले लोगो को 75 फीसदी तक लोन देती है, जिससे छोटे स्तर पर पोल्ट्री फॉर्म का आरम्भ कर सकते है.

5 हज़ार तक मुर्गियों वाले पोल्ट्री फॉर्म के लिए भारतीय स्टेट बैंक 3 लाख रूपए तक लोन देती है, जिसे 5 वर्ष में लौटाना होता है, तथा इस लोन पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. इसके लिए किसी के पास जाने की आवश्यकता होती, सब्सिडी खुद-ब-खुद बैक खाते में पहुंच जाती है.

 

मुर्गी पालन प्रशिक्षण केन्द्र

 

कृषि विज्ञान केंद्र

कुक्कुट पालन प्रशिक्षण जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर लोगों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जाता है. अपने कृषि विज्ञान केंद्र जाकर इस बारे में जानकारी लें सकते हैं.

कुक्कुट पालन : केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, बरेली

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान बरेली की ओर से भी समय-समय पर मुर्गी पालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. ये संस्थान दो तरह का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलता है. जब 50-60 की संख्या हो जाती है तो ट्रेनिंग शुरू की जाती हैं. इसमें एक तो सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो 14 दिनों की होती है, जिसकी फीस भी होती है. दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम सारे किसानों के लिए होता है. इसकी अवधि करीब एक हफ्ते की होती है, इसमें किसानों से कोई भी फीस नहीं ली जाती हैं.

 

Head, Technology Trasfer Section CARS, Izatnager, Bareilly – 243 122 (U.P.)

Murgi Palan Training Center – 6 days Training

General / OBC – 700/-

SC/ST – 200/-

पशुचिकित्सा महाविद्यालय, महू

महू में 24 फरवरी से शुरू होगा प्रशिक्षण. पशुचिकित्सा महाविद्यालय, महू में मुर्गी पालन का व्यवसायिक प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है. यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण 24 से 26 तक आयोजित किया जाएगा.

मुर्गी पालन कंपनी कांटेक्ट नंबर

मुर्गी पालन के ट्रेनिंग कहां मिलेगी

  • Central Poultry Development Organization (Northern Region)
    Ministry Of Fisheries, Animal Husbandry & Dairying, Government of India
    Industrial Area, Phase-I, Chandigarh – 160 002
    Tel.No: 0172-2655391
    Tel.Fax: 0172-2655460

http://cpdonrchd.gov.in/Training.html

  • Animal Husbandry Department Government of Uttar Pradesh

http://www.animalhusb.upsdc.gov.in/en

 

 

  • लाभकारी मुर्गीपालन , पशुपालन और मछलीपालन कैसे करें?

https://www.growelagrovet.com/free-veterinary-books/

 

 

मुर्गी पालन हेल्पलाइन नंबर –

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान फोनः 91-581-2303223; 2300204; 2301220; 2310023;

 

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मुर्गी पालन कैसे करें 2023 | कुक्कट पालन प्रशिक्षण केन्द्र, नियम, सरकार से मिलने वाली सहायता और लाभ

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